विज्ञान एक चमत्कार ये एक सवाल और एक सच दोनो ही, विज्ञान ने हम सब क्या कुछ नही दिया है हाथ मे स्मार्टफोन से लेकर घुमने के लिए गाडी तक। आज का इंसान किसी चिज मे लॉजीक के पिछे भागता लेकिन उनकी मनसा इसके पिछे के साइंस को जानने का होता है। किसी चिज के पिछे आज के समय मे कोई ना कई साइंस तथ्य जुडा होता ही है ऐसे मे लोग सके पिछे के लॉजीक के बारे मे जानना पसंद करते है। जिस तरह से आज के समय मे इंटरनेट कि दुनिया बहुत बडी है ठीक उसी तरह से साइंस कि दुनिया भी बहुत बडी है, इस विषय मे जो इंसान घुसता है वो घुसा ही रह जाता है।
विज्ञान बढते समय के साथ बढता ही गया लोग जितना विज्ञान को जानने कि कोशीश उतना ही अनजान रह गये, हमारे छोटे-छोटे सवालो का हल विज्ञान युही बता देता है जैसे मे बचपन मे हर किसी ने एक बार तो जरुर सोचा होगा कि ये फल पेड से टुटकर निचे क्यु गिरते है और आप जैसे विज्ञान मे आते हो तो सबस पहले पता चलता है गुरुत्वाकर्षण बल के कारण फल पेड से टुटकर निचे गिरता है। गुरुत्वाकर्षण बल का खोजकर्त्ता न्युटन जी ने थोडा और विज्ञान को जानने कि कोशीश कि तो खुद के नाम से गति के तीन नियम दे दिया।
विज्ञान ने हमे आगे बढना सिखाया है, हर दिन विज्ञान मे किसी ना चिज कि खोज होती है कुछ ना कुछ नया मिलता है। हम जिस तरीके से आगे बढ रहे है इसमे विज्ञान का सबसे बडा हाथ है, टेलिफोन से मोबाइल और स्मार्टफोन, डेक्सटॉप से लैपटॉप और आईपैड। विज्ञान के बारे मे हमे अपने प्रारंभीक शिक्षा काफी कुछ बताया जाता है, हमारे जींदगी से लेकर पेड के जीने के तरीके तक हम सबकुछ जान पाते विज्ञान के मदद से। बढते समय के साथ विज्ञान भी तीन अलग-अलग हिस्सो मे बंट गया, जीव-विज्ञान(Biology), भौतिक विज्ञान(Physics) और रसायन विज्ञान(Chemistry)। तीन विज्ञान को अलग करने का तात्पर्य ये था कि लोगो को चिजो मे अंतर समझ मे आये, जैसे पेड-पोधो के लिए जीव विज्ञान, गाडि के लिए भौतिक विज्ञान और नमक, पानी ये सभी रसायन विज्ञान के भाग है।
विज्ञान एक चमत्कार एक सवाल इसलिए है क्योकि कुछ लोग विज्ञान का गलत इस्तेमाल करते है, आज के समय मे हर देश एक दूसरे को खत्म करने के लिए अलग-अलग हथियार बना रहे है ये इंसानियत के श्राप कि तरह है और विज्ञान का गलत इस्तेमाल है। ऐसे मे विज्ञान एक चमत्कार से लोगो के लिए श्राप जैसा हो गया है, विज्ञान हमारे जीवन का वो पहलु है जिससे हम दुर भी नही रह सकते है और पास आती है जींदगी बर्बाद लगती है। आतंकवादि इन हथियारो का इस्तेमाल करते है और उनके मंसुबो को देखकर तो नही लगता है कि वो इंसानियत के पहरेदार है, इन जगहो के लिए विज्ञान एक श्राप कि तरह है जिसका भोगी किसी आम इंसान को बनना होगा।
दूसरे विश्व के दौरान अमेरीका ने जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकि पर जब अपने परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया था, उस वक्त जापान के लोगो के लिए विज्ञान एक श्राप कि तरह हो गयी और जापान आज तक अमेरीका इस गलती का सजा भुगत रहा है। आतंकवाद आज के समय मे हर दूसरे देश कि दिक्कत बनी हुयी है, आतंकवादियो के हाथ मे बंदुक और बम का होना विज्ञान का तौहीन है क्योकि इन चिजो को लोगो के हित के लिए बनाया गया था नाकि मासुमो कि जान लेने के लिए इन चिजो को बनाया गया था।
आज के समय लोगो के लिए जीना मुहाल कर देने वाला ये कोरोना वायरस भी विज्ञान का ही देन है, लोगो ने विज्ञान के साथ कुछ ज्यादा मजाक कर दिया और विज्ञान गुस्सा हो गया और इस गुस्से का प्रकोप पुरी दुनिया झेल रही है। विज्ञान ने हमेशा हमे आगे बढना सिखाया है और विज्ञान के मदद से आगे बढ भी रहे है। विज्ञान के बारे मे कहा गया है कि There’s no science without experiments, हां बात तो बिलकुल सही है और ये मुवि मिशन मंगल का डायलॉग है। हम किसी प्रयोग के बिना विज्ञान कि अपेक्षा नही कर सकते है और ये बात हम सदियो से जानते आ रहे है। हम सभी थोमस अल्फा एडिसन का नाम तो सुना ही होगा, इसी इंसान ने दुनिया को पहला बल्ब दिया था और इस बल्ब को बनाने मे इस इंसान से करीब 100 बार चुक हुयी। थोमस के इस There’s no science without experiments बात को सिध्द किया है।
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि हमारे समय के साथ आगे चलने के लिए विज्ञान हमारा सबसे मददगार साबित हुआ है, बढते समय के साथ हमने धरती के अलावा चांद पर भी जींदगी बनाने के बारे मे सोच लिया है। विज्ञान के मदद से हम कुछ जान पाये है जैसे मे पानी भी एक रासायनिक पदार्थ है, हम सांस लेते है और ऑक्सीजन लेते है वो भी हमे साइंस ने बताया है।
अंतरिक्ष कि बात छोडे दें तो विज्ञान के छोट-छोटे कोशीशो ने भी हम इंसानो के जींदगी मे काफी बदलाव लेकर आयी है, स्मार्टफोन से लेकर गाडी तक हर कुछ यहां पर विज्ञान का दिया हुआ है। विज्ञान ने हर क्षेत्र मे तरक्की कि है, पहेल के समय मे हमे कहीं भी जाने के लिए एक से दो दिन का समय लग जाता था लेकिन बढते समय के साथ लोगो के इस स्स्या को दुर किया गया और लोगो के पास गाडी से लेकर हवाई जहाज तक उपलब्ध है।
आज के समय हर कोई सुपरपावर देश बनना चाहते है और इसी के लिए हर देश ने एक से बढकर एक रासायनिक मिसाइल से लेकर रासयनिक बम तक तैयार कर रखा है, हांलाकी जिस दिन भी इन हथियारो का इस्तेमाल होगा उस दिन विज्ञान के लिए श्राप कि तरह होगा क्योकि विज्ञान इंसान के लिए और इंसानियत के लिए है। ऐसे मे इन हथियारो का इस्तेमाल होना इंसान और इंसानियत के लिए खतरा ही माना जायेगा, साइंस ने हमे एक अलग दुनिया ही दे दी और हम इसका इस्तेमाल किसी गलत चिज मे करें ये सरासर ही गलत है और विज्ञान का मजाक डाने जैसा है।