इस धरती पर हर कोई देशभक्त बनकर अपने देश कि भक्ति करना चाहते है, हर किसी को अपने देश से प्यार होता है और अपने देश को और भी देश से आगे रखना चाहते है। मै भारत देश मे रहता हुं, जिसे आजाद करना के लिए हमारे देश का आम व्यक्ति सुपरहिरो बन गया और उनकि वीरता कि कहानी हम सभी को प्रेरित करता है। भारत देश जिसे कई अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे हिदुस्तान, इंडिया और आर्यावर्त्त, इन सभी नाम का एक मतलब निकलता है और सभी शब्द अपने आप मे से खास है।
भारत देश को भारत बनाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियो ने अंग्रजो के खिलाफ कई लडाईयां कि है तब जाकर भारत देश भारत देश बना है। गांधी जी से लेकर आजाद तक हर किसी ने भारत देश को आजाद कराने मे हम किसी अपनी अहम भुमिका निभायी है, देश को आजाद कराने मे देश के विरो ने हंसकर अपनी जान दिया ताकी आने वाला भारत सुकुन से भारत के लोग भारत मे रह सके और इस धरती पर हम भारतीयो का हि राज हो। शुरुआत शुरु से करते है, भारत देश बनने से पहले रियासतो मे था या ये कहे कि भारत देश बनने से पहले अलग-अलग राजा का राज्य हुआ करता था।
जब अंग्रजो ने भारत मे अपना सिक्का जमाना चाहा तो उन्होने सबसे पहले देखा कि भारत मे कता कि कमी है क्योकि एक देश के जगह पर राजा का राज है। अंग्रेज भारत मे आये व्यवसाय करने आये और देखते ही देखते कई युध्द के बाद पुरे देश मे अंग्रेज अपना पैर फैला चुके थे और देश भर मे बसे राज्यो के राजाओं को अपने नियम कानुन से अंदर ले लिया और राजा के आदेश का उल्लंघन करने लगे। हर राज्य को अंग्रेज अपने कंपनी के साथ मिलाना चाहते थे और जो उनकि ऑफर को मना करता था उस राज्य को अंग्रजो से लडना होता था। जैसा कि हमे बताया जाता है कि अंग्रजो ने भारत देश पर 200 साल तक राज किया है और इतिहास से इस बात का गवाह भी मिलता है क्योकि अंग्रेज आये तो थे राजाओं के जमाने मे ही और हमे आजादी एक देश बनने के बाद।
बढते समय के साथ भारत मे राजपाठ खत्म हो गया और अब अंग्रेजो से लडाई हम आम जनता कि हो चुकि थी, अब भारत के हर कौने से लोगो ने अंग्रजो को वापस घर भेजने का मन बना लिया था। हम सभी जानते है कि भारत अलग-अलग संस्कृति और विविधताओं से मिलकर बना है, ऐसे मे देश के हर कौने से आजादी के दिवाने भारत देश को आजाद कराने के लिए निकल चुके थे। अंग्रेजो के भारत आने से पहले भारत को सोने कि चिडीया कहा जाता था और ऐसा इसलिए कहा जाता था क्योकि भारत एक सर्वसमृध्द देश हुआ करता था और यहां पर प्राकृतिक संसाधनो कि कोई कमी नही थी। भारत देश के हरेक राज्य के बनने के पिछे कि एक कहानी है, जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि भारत एक देश बनने के बाद आजाद हुआ था।
200 साल के संघर्ष के बाद साल 1947 मे जब भारत आजाद तब भी भारत देश आगे कई परेशानियां खडा होकर इंतजार कर रही थी क्योकि अंग्रेजो हमेशा से अपने नियम पर चल रहे थे और अंग्रेज के पास राज करने के लिए एक नियम हुआ करता था जिसे divide & rule कहते है। अंग्रेज ने भारत मे इसी तरह से अपने व्यावसाय का विस्तार किया था, एक राज्य से दूसरे राज्य और दूसरे राज्य से तीसरे राज्य कुछ इस प्रकार से राज्यो मे लडाई करवाते थे और भारत मे राज करने लगे थे। भारत के आजादी के वक्त सिर्फ भारत देश ही आजाद नही हुआ था भारत के अलावा पाकिस्तान देश भी आजाद हुआ था और ये बात भारत मे रह रहे किसी भी इंसान को इस बात इल्म नही था। अंग्रजो ने भारत देश को भागो मे अलग कर दिया और जैसा कि हमने आपको पहले हि बताय है कि अंग्रजो को सिर्फ divide & rule ही आता था, जाते-जाते अंग्रेजो ने देश को धर्म के आधार पर बांट दिया ताकी ये जींदगी भर झंझट बनकर रह जाये।
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया था कि आजाद होने के बाद भी भारत देश के कई परेशानियां कडी थी, जो आने वाले भारत के लिए दिक्कत से भरा हो सकता था और शायद इसके लिए साल 1947 के नेता इस बात से वाकिफ थे। देश आजाद तो हो चुका था लेकिन भारत को भारत बनाने के लिए अब नेताओं को रियासतों को एक देश मे बदलना था लोकतंत्र स्थापित करना था। इतिहास से पता चलता है कि जब भारत देश आजाद हुआ था तब भारत देश मे करीब 565 रियासतें थी और सरदार बल्लभ भाई पटेल ने सभी 565 रियासतो को मिलाकर एक भारत देश बनाया था। जैसा हमने आपको पहले ही बताया है कि भारत देश मे हरेक राज्य के बनने के पिछे कहानी है।
अंग्रेज पहले नही जिन्होने भारत देश को लुटा हो, अंग्रेजो पहले भारत देश को लुटने के लिए मुगल भी आये थे, हम सभी जानते है कि भारत पर मुगलो का राज था लेकिन पुरे तरीके से नही था क्योकि इन दिनो पर ही देश के कुछ और आजादी के मतवाले घुम रहे थे। इन्ही दिनो मे देश मे शिवाजी भी चमके थे और सिखों के दसवें गुरु भी इसी मौसम मे पुरे भारत देश चमक उठे थे, हर किसी ने आजादी के लिए संघर्ष किया और हर किसी ने आजादी के लिए बलिदान दिया है। भारत देश कि भूमि विरो कि भुमि कही जाती है और ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योकि भारत कि धरती सिर्फ और सिर्फ विरो को जन्म देती है और विर होना खुद मे एक सम्मान भरी बात है।
भारत देश पर आजाद होने के बाद भी कई दिक्कतो से जुझ रह था ऐसे मे पाकिस्तान के द्वारा किया गया हमला इस शायरी को दर्शाता है।
उसुलो पर आंच आये तो टकराना जरुर है
जो जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरुरी है।
इसके बाद साल 1965 मे और साल 1972 मे दो बार पाकिस्तान देश को मुंह कि खानी पडी, पाकिस्तान वो देश है जो भारत से अलग होकर एक देश बना और वो हमला कर रहा था। कहने का मतलब ये है कि पाकिस्तान ये बात भुल कैसे गया कि भारत का ही अंग है और भारत देश ही इसका अस्तित्व है। आजादी के बाद के भारत का संघर्ष काफी जटील होता गया पहले रियासतों को मिलाना फिर देश पर युध्द का साया और देश को उस दौर से उबर कर आगे आना। ये चिजे भारत के आजादी के बाद के संघर्ष को बयां करती है, कहने के लिए हमने आज के समय मे काफी तरक्की कर लि है और हां सच मे कर लि क्योकि हमारे साथ आजाद हुआ पाकिस्तान किसी और प्रोडक्ट के लिए जाना जाता है और हम अपने अपने तरक्की के लिए और दुनिया के साथ-साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बड रहे है।
भारत देश के इतिहास पर कई ऐसे कांड हो गये है जो भारत देश के लिए कलंक से कम नही है, भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन इस देश मे आजादी के बाद से ही हिंदु और मुस्लिम के बिच एक दरार सा बनता गया और इन सबको हवा पाकिस्तान ने ही दिया था। पाकिस्तान मे हिंदु और सिखों पर कई बार जुल्म हुये और इसका एक नुमना खुशबंत सिंह कि लिखी किताब Train to Pakistan से जानने के लिए मिलता है, इस किताब से साफ पता चलता है कि पाकिस्तान आजादी के बाद ही अपने आपको भारत देश से आगे जाना चाहता था जो आजतक पुरा नही हुआ है।