लॉकडाउन (Lockdown) पर निबंध
आज दुनिया बंद पडी है, कभी किसी ने ऐसा सोचा भी नही होगा कि पुरे दुनिया पर भी किसी चिज का प्रभाव पडेगा। हां, आप सोच रहे होगे कि आज दुनिया पहली बार तो बंद नही हुयी होगी लेकिन ये सच है कि आज दुनिया पहली बार ही बंद हुयी है वो भी कोरोना के प्रकोप से। कोरोना के प्रकोप से पुरी दुनिया डरी हुयी है साथ मे सहमी हुयी भी,किसी को कोरोना समझ मे नही आ रहा तो कोई समझकर भी इसका इलाज नही ढुंढ पा रहा है। आज पुरे दुनिया इसी कोशीश मे लगी है कि इसका इलाज खोजा जाये लेकिन अभी तक हर कोई नाकाम है।
सुपर पावर से लेस देश संयुक्त राज्य अमेरीका हो या फिर विकास कि ओर बढ रही देश भारत हो, सबके पास कोरोना से बचने का एक ही इलाज है और वो है अपने-अपने घरों मे बंद रहना, जो कि आज के समय लोगो के लिए थोडा तो मुश्किल काम है। चिन कि एक गलती आज पुरे दुनिया के लिए श्राप बन चुकि है, लोगो का एक दुसरे से संपर्क बंद हो चुका है, कंपनियो के काम प्रभावित हुये है, लोगो कि आम जिंदगी मे जैसे ठहराव आ गया हो। लोग इसे समझने से ज्यादा इससे डर रहे है, जोकि बिल्कुल ही गलत है। ऐसा नही है कि अगर एक बार आप कोरोना के संपर्क मे आते है तो मर ही जाओगे लेकिन मरने जैसी स्थिति जरुर बनेगी और अगर आप एक योध्दा कि तरह कोरोना से लडते है तो कोरोना पर विजय भी प्राप्त कर सकते है।
आज दुनिया एक बार फिर भारत देश के सामने नतमस्तक है, दुनिया के कई देशो ने माना कि भारत के द्वारा भात के देशवासियो को बचाने के लिए किया गया लॉकडाउन एक साहसिक निर्णय है। हम सभी इस बात से वाकिफ है कि अगर कोई देश 1 महिने के लिए बंद होता है या फिर किसी देश मे 1 महिने के लिए लॉक डाउन होता है तो उस देश कि अर्थव्यवस्था पर असर पडता है। यु.एन कि माने तो भारत का लॉकडाउन का निर्णय देश कि जनता के लिए एक बेहतर फैसला है लेकिन इस बिच मे भारत करीब 2 साल पिछे चला जायेगा। मतलब कोरोना से पहले भारत देश जिस स्थिति मे थी, उसे वापस से पाने के लिए भारत देश को कम से कम 2 साल का वक्त लगेगा।
23 मार्च मतलब आज से पुरे भारत मे Lockdown हो चुका है, हर कोई अगले 21 दिन तक अपने-अपने घर मे रहेगा और कोरोना जैसे संक्रमण जैसे बीमारी से बचने के एक मात्र उपाय। हर किसी के लिए ये समय एक अनुभव लेकर आने वाला है, मानो अरसो बाद लोगो को अपने घर मे आराम से रह पायेंगे। जैसे-जैसे समय बढता गया लोग बढने के जगह पर भागने लगे और समय से आगे निकल जाना चाहते थे, कहने का मतलब है कि हर किसी को आज के समय मे पैसे कि जरुरत हे और इस जरुरत को पुरा करने के लिए लोग अपने घर को छोड बाहर निकलते कमाने के लिए। इस लॉकडाउन मे अगर कोई सबसे ज्यादा पीसा है तो वो प्रवासी मजदुर, दो वक्त कि रोटी और कुछ पैसो का सपना लेकर लोग अपने घर को छोडकर जाते है और जब देश मे ऐसे हालात होते है तो मजदुरो को घर पैदल जाना पडता है और ऐसे खबर को सुनकर और देखकर लगता है, जैसे कोरोना और लॉकडाउन मजदुरो के लिए नही है।
हर कोई अपने घर पर आराम से 21 दिन बितायेगा, आज के समय के लोगो को घर का मतलब शायद ही समझ आता है क्योकि इस भाग-दौड कि दुनिया मे लोग बस आगे निकल जाना चाहते है। इस आधुनिक दुनिया कि सबसे अच्छी बात ये है कि हर किसी के पास स्मार्टफोन है और लोगो लिए Lockdown का मतलब फोन से चिपक जाना। केंद्रिय प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर जी ने इस लॉकडाउन मे लोगो को मनोरंजीत करने के लिए एक बार फिर से रामानंद सागर निर्मीत रामायण और महाभारत का प्रसारण किया जायेगा, ये भी अच्छा है क्योकि जैसे-जैसे देश आगे बढता जा रहा है लोगो को भगवान को नही पहचानने से इंकार कर रहे है।
इस लॉकडाउन मे पहली बार हरेक माता-पिता का बच्चा 24 घंटा उनके सामने रहेगा और आज के हरेक माता-पिता इससे ज्यादा क्या चाहिए की उसके बच्चे हर पल उसके आंखो के सामने है। Lockdown ने प्यार करने वाले अलग कर दिया है और कोरोना के कहर देखते हुए उन्हे भी लग रहा है कि अब मुलाकात शायद अगले जन्म होगी। लॉकडाउन उन लोगो के लिए श्राप के तैर पर ज घर पर बैठकर पुरे मन से काम करते है लेकिन कंपनी को लग रहा होता है उसके कर्मचारी तो सोया होगा, मतलब Lockdown हुआ तो सही लेकिन वर्क फ्रॉम होम वालो के लिए ये दिन भी ऑफिस के तरह ही है बस लोकेशन बदला है आज भी वही कर रहे है जो कल कर रहे थे।
एक तो कोरोना ने लोगो को डरा कर रखा है इधर गर्मी भी अपना प्रचंड रुप दिखाने के लिए तैयार है, अच्छी बात है कि ऐसे समय मे हुरे देश मे लॉकडाउन है वरना गर्मी झेलना भी लोगो के लिए दुषवार हो जाता। लॉकडाउन से भारतीय वायुमंडल को थोडा साफ हुआ है क्योकि Lockdown से पहले हम प्रदुषण से भी लड रह थे और अब ऐसा लगता है धरती फिर से बेहतर हो रही है लेकिन ज्यादा दिन तक नही। लॉकडाउन होना हम सभी के लिए जरुरी था और इस लॉकडाउन के बीच मे भी जिस तरह से खबर आये है, ये बताता ङै कि भारत सिर्फ कोरोना से ही नही बल्कि धर्म से भी लड रहा है। Lockdown हो जाने के बाद भी मस्जिद मे रुकना एक कानुन जुर्म है और ऐसे समय मे जब पुरी दुनिया डरी हुयी और हर तरफ मौत का ताडंव चल रहा हो तो दंडनीय अपराध हो जाता है क्योकि आपकी गलती से किसी और कि मौत हो सकती है।
लॉकडाउन के दौरान अगर किसी तरह से लोग जिंदा रह पाये है तो वो है इंटरनेट और सिम कंपनी, इन लोगो के वजह से ही आज के समय मे लोगो के पास चलाने के लिए फोन और समय व्यतित करने के लिए इंटरनेट।