हमारे देश एक के बाद एक दिक्कतो से जुझता रहता है और सरकार इसके उपायो मे लगी रहती है। इसमे कोई शक नही है की आज भी भारत देश मे कई जगहो पर बिजली को लेकर दिक्कतें बरकरार है और इससे पहले भी केंद्र मे कई सरकार आयी लेकिन किसी के भी पास इसका कोई खास इलाज नही था या इसका इलाज नही कर पाये है। ऐसे मे लोगो को बिजली कि सुविधा प्रदान करने के लिए भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना कि शुरुआत की है।
Pradhanmantri Solar Panel Yojana के उद्देश्य को संक्षिप्त मे समझे तो इसका उद्देश्य है साल 2022 तक किसानो कि आय मे बढोतरी करना और बढोतरी का मतलब है आय को लगभग दोगुना करना, प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना इस योजना को कुसुम योजना के नाम से भी जाना जाता है। अब आप सोच रहे होगे कि ये बिजली योजना किसानो को कैसे फायदे पहुंचा सकती है तो इस योजना के तहत किसानो को पुराने डीजल सिंचाई पंप की जगह पर नये सोलर पैनल से चलने वाली सिंचाई पंपो का प्रयोग कर पायेंगे, जिससे किसानो का खर्चा कम होगा और कमाई ज्यादा। हांलाकी इस सोलर पैनल के और भी अलग-अलग फायदे है, जो किसानो के लिए फायदेमंद साबित होगी।
आज स आर्टिकल मे आप जानेंगे प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना के बारे मे कि क्या है प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना, योजना का उद्देश्य और योजना से फायदा।
प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना क्या है
2020 आम बजट मे प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना पर वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने खासा जोर दिया है ताकि किसानो की सिचांई और बिजली जैसी जरुरतो को वो खुद पुरा कर सके। सरकार द्वारा इस बात का भी ऐलान किया गया है कि सरकार किसानो को सब्सिडी के रुप मे सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी। इस योजना के तहत देश के लगभग 20 लाख किसानो का लाभ पहुंचाया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत अगर कोई किसान अपने जमीन पर सौर उर्जा प्लांट लगाता है और बिजली उत्पन्न करता है तो किसान उस बिजली को बेच सकता है। भारत सरकार के उर्जा मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के माध्यम से उत्पन्न किया जाने वाला बिजली DISCOMs(Distribution Companies) द्वारा खरीदा जायेगा और किसान के कमाई का स्रोत भी बन सकता है।
Pradhanmantri Solar Panel Yojana का उद्देश्य
इस योजना से भारत देश के किसान और भी सशक्त बन सकेंगे और आय को दागुनी करने की कोशीश रहेगी। इस योजना के अंर्तगत पहले चरण मे 17.5 लाख सिंचाई पंप को सौर पैनल की मदद से चलाने की व्यवस्था की जायेगी, इस योजना के तहत आने वाले साल 2022 तक करीब 3 करोड बिजली या फिर डीजल से चलने वाली सिंचाई पंपो को सौर पैनल से चलने वाले सिंचाई पंपो से बदला जायेगा। हम सभी स बात से वाकिफ है की किसानो के लिए डीजल से केतो का सिंचाई करना कितना महंगा पडता है और इसी बहाने कुछ हद तक प्रदुषण को भी कम किया जायेगा और जब डीजल का खर्च बचेगा तो कहीं न कहीं किसानो के लिए फायदेमंद साबित होगी।
साल 2020 के आम बजट मे वित्त मंत्री ने इस योजना के लिए 50 हजार करोड का ऐलान किया गया है, जो सिधे किसानो को फायदा पहुंचायेगा। सरकार की अनुमान के साथ चले तो अगर कोई किसान अपने 1 एकड जमीन पर 1 मेगा वाट का सोलर प्लांट स्थापित करता है तो बिजली कंपनी आपके उत्पादित बिजली के लिए 30 पैसे प्रति युनिट के हिसाब से आपसे बिजली खरीदेगा और 1 मेगा वाट का सोलर प्लांट एक साल मे 11 लाख युनिट बिजली का पैदावार करती है तो अब आप खुद हिसाब कर लिजीए।
प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना के लिए जरुरी कागजात
- सबसे पहले आवेदक भारतीय मुल का होना चाहिए
- आधार कार्ड,
- पत्र व्यवहार का पता,
- किसान की भुमि के दस्तावेज(खसरा, खतौनी)
- घोषणा पत्र,
- बैंक अकाउंट का पासबुक,
- फोटोग्राफ,
- मोबाइल नंबर
कुसुम सोलर पैनल योजना का लाभ
- जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया था कि इस योजना के आने के बाद डीजल जैसी चिजो पर किसान को खर्च नही करना पडेगा और किसान के वो पैसे बच जायेंगे।
- इस योजना से किसान बिजली का उत्पादन करके बिजली को कंपनी को बेच सकता है और किसान इस योजना से अपने खेतो मे सिंचाई भी कर सकता है।
- इस योजना के अंतर्गत 6000 रुपये प्रतिमाह ट्रांसफर किये जायेंगे।
- सरकार ने दस साल कि अवधि के लिए इस योजना के लिए 48,000 करोड रुपये आवंटित किये है।
- यह योजना बंजर भूमि पर 10,000 मेगावाट सौर संयंत्र बनाने और 1.75 मिलियन ऑफ-ग्रिड कृषि सौर पंप प्रदान करने के साथ शुरू होगी।
- यह विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा, DISCOMS के प्रसारण घाटे को कम करेगा और साथ ही कृषि क्षेत्र में सब्सिडी के बोझ को कम करके DISCOMs के वित्तीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सहायता प्रदान करेगा।
- किसान सौर ऊर्जा प्लांट के नीचे चार्ट बनाकर सब्जी आया छोटी फसलों की खेती कर सकते है।