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गिलोय के फायदे (Giloy ke Fayde in Hindi)

गिलोय के फायदे (Giloy ke Fayde in Hindi)

गिलोय के फायदे: गिलोय के बारे में हम सभी ने काफी बाते सुनी हैं लेकिन काफी कम लोगों को इसके फायदे के बारे में पता होगा। गिलोय को लेकर हमारे आयुर्वेदिक ग्रंथो में कई बातें बताई गयी हैं, जिसमें इसे एक रसायन माना गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। गिलोय के पत्ते का स्वाद कड़वा जरुर होता है, लेकिन इससे वात-पित्त और कफ तक को ठीक किया जा सकता है।

गिलोय का मतलब कभी ना सूखने वाली बड़ी लता है, इसके तना देखने में रस्सी की तरह लगता है, इसली लता जिस पेड़ में चढ़ती है, उसके भी गुण इसमें समाहित हो जाते हैं। जिस कारण नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय को अच्छा माना जाता है। जिसके बाद हम आपको गिलोय से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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गिलोय के फायदे (Giloy ke Fayde)

1 – आँखो के लिए लाभकारी होता है-

10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद और सेंधा नमक डालकर इसे अच्छी तरह से मिले और फिर से इसे काजल की तरह अपनी ऑंख में लगाये इससे सफेद मोतियाबिंद, चुभन, अंधेरा छाना जैसे रोग ठीक हो जाते हैं। गिलोय के रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनाये और इसका रोज सुबह व शाम को सेवन करने से ऑंखो की रौशनी में फायदा पहुंचता है।

2 – बवासीर में आराम मिलता है-

धनिया, हरड़ व गिलोय सभी को 20 ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में पका लें। इसके बाद एक चौथाई हो जाने पर तैयार काढ़े में गुड़ डालकर इसका रोजाना सुबह व शाम को पीने से बवासीर की समस्या ठीक हो जाती है।

3 – लीवर से जुड़ी बीमारी में आराम मिलता है-

2 ग्राम अजमोद, 2 नग छोटी पीपल एवं 2 नग नीम व 18 ग्राम ताजी गिलोय लेकर इन सभी को एक साथ पीसकर रात के समय मिट्टी के बरतन में 250 मिली जल में रख दें जिसके बाद सुबह इसे छान कर रख ले और फिर कम से कम एक महिने तक रोजाना सुबह व शाम को इसका सेवन करने से लीवर से जुड़ी कई समस्यायों में आराम मिलता है।

4 – मूत्र से जुड़े रोग ठीक होते हैं-

2 ग्राम पाषाण भेद चूर्ण और 1 चम्मच शहद में 10 से 20 मिली गुडूची मिला ले जिसके बाद इन सबको अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद दिन में तकरीबन 3 से 4 बार सेवन करने से मूत्र से जुड़े हुए रोग में आराम मिलता है।

5 – बुखार में आराम मिलता है-

यदि कोई बुखार से पीड़ित तो उसे 4 से 5 इंच गिलोय के टुकड़े में एक चम्मच धनिया व एक टुकड़ा नीम की छाल के अंदर का हिस्सा मिलाकर काढ़ा तैयार करके पीला दे इससे बुखार में बेहद आराम मिलता है।

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6- डेंगु से करे बचाव

गिलोय को औषधिय गुणो का भंडार माना जाता है और इसमे कई रोगो से बचाने का इलाज है। इसमे उपलब्ध रसायन जो इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रबाव दिखाती है और इससे शरीर कि प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है। जिससे हमारा शरीर कई बीमारीयों से सुरक्षित रहता है और उन बीमारीयो मे मलेरिया और डेंगु जैसे वायरल बीमारी भी आते है।

7- अस्थमा मे सहायक

आज के लोगो मे सांस लेने को लेकर काफी दिक्कतें बढती जा रही है, ऐसे मे अस्थमा के रोगी भी बढे है और शायद ही लोगो को इस बात का पता होगा कि अस्थमा रोग के लिए गिलोय काफी फायदेमंद साबित होता है। गिलोय को औषधिय गुण अस्थमा जैसे रोग काफी फायदेमंद है, गिलोय ना-सिर्फ हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है बल्कि ये हमारे श्वास संबंधी स्मस्याओं से भी दुर रखता है और इसमे अस्थमा जैसे रोग भी आते है।

8- गठिया के समस्या मे राहत

जैसे-जैसे उम्र बढती जाती है लोगो मे ये दिक्कतें आम हो जाती है, हांलाकी ये दिक्कत आज के आलसी युवा मे शुमार हो चुकि है। विशेषज्ञों कि माने तो गिलोय मे पाये जाने वाले गुण एंटी-इंफ्मेलेटरी और एंटीआस्टियोपोरोटिक जोडों मे दर्द से आराम देती है। इसमे एंटीअर्थराइटिक जैसे गुण होते है जो हमारे जोडो मे मजबुती बनाये रहता है और गठिया जैसे रोगो से दुर रखती है।

9- यौन इच्छाओं को बढावा देना

जैसा कि हमने आपको उपर पहले भी बताया है कि गिलोय का सेवन हमारे शरीर के लिए बेहतर माना जाता है। इसमे उपलब्ध रसायन जो इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रबाव दिखाती है और इससे शरीर कि प्रतिरोधक क्षमता बढ जाती है और सेक्स के हॉमोन्स को भी बढावा देती है।

10- बढती उम्र के प्रभाव घटाये

जैसा कि आप समझ ही गये होगें कि गिलोय मे पाये गुण हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है, गिलोय के इस्तेमाल करने से बढती उम्र के प्रभाव को कम करता है। जैसे हमारे बढते उम्र के साथ त्वचा पर झुर्रीयां का होना, बढते उम्र के जोडो मे भी दर्द होना, बढती उम्र के साथ आंखो कि रोशनी कंमजोर होना  और बढते उम्र के साथ अस्थमा जैसे रोगो से दुर रखना।

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गिलोय मे पाये जाने वाले पौष्टिक तत्व

अभी तक आपको पढकर समझ मे आ गया होगा कि गिलोय इतने तरीको से हमरे शरीर को सुरक्षित रख सकता है तो औषधिय गुण काफी ज्यादा होगें और इसलिए ये औषधिय दवाओं मे से एक है।

क्विनोन्स, फ्लेवेनॉइड, पॉलीफेनोल्स और टैनिन, कूमैरिन्स, टरपेनोइड्स और एसेंशियल, ऑयल्स, अल्कालोइड्स, लैक्टिक और पॉलीपेप्टाइड, ग्लाइकोसाइड, सैपोनिंस, स्टेरायड्स जैसे औषधिय गुण होते है।

गिलोय का उपयोग कैसे करें

गिलोय हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है, ऐसे मे इसका इस्तेमाल हमारे शरीर के लिए जरुरी है और इस्तेमाल सही तरीके से किया जाये तो बेहतर है।

  • गिलोय के पत्तो और तनो के पीसकर जुस बना सकते है और इस जुस का रोजाना 20-30 मिली सेवन करना शरीर के लिए बेहतर होता है।
  • इसके आलावा गिलोय के पत्तो और तनो के पीसकर इसका काढा भी बना सकते है, इसका काढा भी अपने फायदे के लिए काफी नाम कमा चुका है। गिलोय के काढा को अपने जोडो के पास लगायें इससे जोडो मे आराम मिलेगा।

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गिलोय से होने वाले नुकसान

हर चिज के दो पहलु होते है बिलकुल जिस तरह इसके कई फायदे ठीक उसी तरह से इसके नुकसान भी है। इसलिए कहा जाता है कि हरेक चिज का एक हद तक ही इस्तेमाल करना चाहिए।

  • गिलोय का इस्तेमाल ब्लड शुगर को कम करता है, इसलिए जो व्यक्ति डायबिटीज के लिए दवा लेते है तो गिलोय का इस्तेमाल नही कर सकते है वर्ना ब्लड शुगर कम हो जायेगा और ब्लड शुगर कम होना भी दिक्कत ही है।
  • जैसा कि हमने आपको उपर पहले भी बता दिया है कि हरेक चिज को इस्तेमाल एक हद तक किया जाता है, गिलोय पाचन संबंधी विकारो के लिए फायदेमंद है लेकिन अगर गिलोय पेट मे अधिक मात्रा मे चला जाता है तो तकलिफ देह हो सकता है।
  • गर्भवति महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से पुछ लेना चाहिए।

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