दशहरा एक पर्व जिसे दस दिनो तक मनाया जाता है, इन दस दिनो मे हरेक दिन एक महत्वपुर्ण दिन कि तरह होता है। दशहरा त्योहार जिसे जीत कि पहचान मानी जी है या सत्य के जीत का दिन इस दिन रावण को जलाकर लोग समाज कि नाकारात्मकता को दुर करते है। दशहरा जीत का प्रतिक है, इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण को हराकर युध्द जीता था और तभी से ही रावण हर साल जलता है। इसी दिनो मे जगह-जगह पर रामलिला का भी आयोजन किया जाता है, दशहरा को शक्ति पुजन और शस्त्र पुजन त्योहार भी कहा जाता है।
अब भारत देश है तो त्योहार का मतलब है कहान क्योकि भारतीय संस्कृति मे कोई ऐसी चिज नही बिना लॉजीक या कहानी ना हो। दशहरा का त्योहार भी अपने अनोके कहानी के लिए प्रसिध्द है, बात त्रेता युग कि है मतलब रामायण के कि जब राम बनवास चले गये थे तो उन्हे वहां पर उन्होने रावण से लडाई कि थी और जिस भगवान राम ने युध्द जीता था उस दिन को विजयदशमी कहते है। हम सभी जानते है कि दशहरा को विजयदसमी भी कहा जाता है और दशहरा के दसवें दिन को विजयदशमी कहा जाता है।
इसके साथ दशहरा के साथ एक पौराणिक किस्सा जुडा हुआ है कहते एक बार माता जगदंबा और महिषासुर के बिच युध्द छिड गया, युध्द काफी लंबा रहा था क्योकि ये युध्द करीब 10 दिन तक चला था। करीब 10 दिन और 9 रात तक जगदंबा जी ने युध्द किया और 10वें रात मे महिषासुर को हरा दिया था और फिर से इस दिन को दशहरा के पिछे कि कहानी है। दशहरा का त्योहार पश्चिम बंगाल राज्य का राजकिय त्योहार है, दशहरा का त्योहार अगर किसी जगह का देखना है तो पश्चिम बंगाल का ही देखना चाहिए क्योकि यहां का दशहरा काफी प्रसिद्ध है और दशहरा के त्योहार पर लडकियों का पहनावा और भी लाजबाव होता है।
दशहरा का पर्व पुरे हिंदुस्तान मे काफी धुम-धाम के साथ मनाया जाता है, दशहरा के दिन देश भर मे अलग-अलग जगह पर इसकि रौनक देखते ही बनती है। लोगो को इस त्योहार का पुरे साल तक इंतजार करते है, त्योहार के साथ मेला लगना तो जरुरी है वरना बिना मेले का त्योहार का मजा नही आता है। भारत देश मे हर जगह दशहरा धुम-धाम से मनाया जाता है ऐसे मे देश के कई ऐसे जगह मे जहां कि दशहरा देखने के लायक होता है और देखना ही चाहिए।
कुल्लु का दशहरा- हिमाचल प्रदेश के वादियो मे बसा ये जगह कुल्लु यहां कि दशहरा मे घुमने का अलग ही आनंद है, एक अलग ही अनुभव होगा क्योकि वादियो मे दशहरा का मजा ही कुछ और होता है। यहां पर दशहरा पुरे पारंपरीक तरीके से मनाया जाता है, हर कोई इस दिन अपने अनुसार चमक रहे होता है।
पंजाब मे दशहरा मनाने का एक अलग ही रिवाज है, इस दिन यहां के लोग पवास रह कर दशहरा मनाते है और आये हुये लोगो को मिठाई खिलाकर स्वागत करते है।
बस्तर मे भी लोग इसे किसी राम कि रावण के वजह से नही बल्कि मां दंतेश्वरी देवी कि अराधना मानकर इस धुम-धाम से मनाते है।