कभी आपने एक बाप को बेटि के कारण गरीब होते देखा है “क्या नही” ऐसा मत बोलो आप मे से सभी दहेज शब्द से तो वाकिफ होगें ही, बिलकुल होगे आप मे से कई घरो मे इस प्रथा का अलग ही उत्साह दिखती होगी। दहेज एक प्रथा है या श्राप इस पर लोगो के अलग-अलग राय है क्योकि कुछ लोगो के लिए ये तो एक बार मौका है पैसो के बरसने का। हमारे अनुसार दहेज नाम प्रथा कम और श्राप ज्यादा है क्योकि दहेज-प्रथा लोगो के एक स्किम कि तरह है, जिससे लोगो को अपनी तिजौरी भर सकते है और लडकी के पक्ष से जितना चाहे तना पैसा ऐंठ सकते है।
दहेज बिलकुल ही भारतीय बाजार कि तरह है और हम तो है ही भारतीय और मोल-भाव तो हमारे रग-रग मे भरा है, हम दहेज को भारतीय बाजार इसलिए कह रहे है क्योकि दहेज मे लोग एक रेट तय कर देते है और इसके भाव लगाने वाले लडकी वाले मोल-भाव भी करते है। दहेज हर जगह लोगो के लिए अलग-अलग तरह से काम करता है और लोगो कि दहेज को लेकर लोगो कि सोच भी काफी अजीब है, जहां तक हमे पता चला है कि भारत देश मे सुदुर गांवो मे लोग अपने बच्चे को इंग्लिश मिडीयम मे पढाते है ताकि बच्चे को इंग्लिश मिडीयम के पर ही दहेज मिल जाये। कुछ लोगो के लिए दहेज प्रोडक्ट रेट कि तरह होता है और इसमे भी दो अलग-अलग श्रेणी है, पहला श्रेणी है नौकरी और दूसरा है वेतन के अनुसार जैसे मे अगर लडका पुलिस कि नौकरी करता है तो सरकार के अलावा बाहरी कमाई कितनी है और किस पद पर है, अगर की लडका सी.ए का जॉब करता है तो उसकि नौकरी कहां पर है, अगर लडका किसी सरकारी दफ्तर मे काम करता है तो उसकि पद क्या है, वेतन कितनी है।
बढते समय के साथ लोगो मे दहेज एक प्रवृत्ति बन गयी है और जिसे देखो अपने बेटे के शादी मे दहेज लेना है जैसे दहेज एक फैशन बन गया था। एक दहेज किसी पिता पर कितना बडा बोझ है ये बात आप मे से शायद ही कोई जाना हो, दहेज गले मे अटके हड्डी कि तरह है जिस का कोई कुछ नही कर सकता है। दहेज का मतलब क्या होता है ये बात एक बाप से पुछना चाहिए कि जिसकी बेटी भी उसे छोड कर चलि जाती है और उसके लिए उस बाप को पैसे भी देने होते है।
भारत देश मे दहेज को लेकर कई साल पहले ही दहेज को लेकर कानुन बना हुआ है लेकिन इसके बावजुद भारत देश मे दहेज नही रुका और नाही लोगो ने दहेज लेना रोका है। लोगो ने दहेज को रोकने के लिए अलग-अलग कदम उठाये, कई लोगो ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाया लेकिन कुछ नही हुआ। भारतीय कानुन के तहत दहेज निषेध अधिनियम के तहत दहेज देने या लेने पर या इसमे सहयोग करने पर 15,000 रुपये तक का जुर्माना और साथ मे 5 वर्ष कि कैद का प्रावधान है। अगर लडकि के मौत के सात वर्ष के अवधी के दौरान मौत हो जाता है और ये साबित कर दिया जाता है कि लडकि मौत कि वजह दहेज और प्रताडना है ऐसे मे लडकि के पति को और उसके रिश्तेदारो को 7 साल तक कि कैद कि सजा का प्रवाधान है।
दहेज के नियम कानुन होने के बावजुद देश मे दहेज का व्यवसाय अपने चरम सिमा पर है, देश मे हर 5वें दिन पर हमे ये खबर सुनने को मिलती है कि दहेज के वजह से कोई लडकी ने खुदकुशी कर लिया या फिर दहेज के लिए परिवार वालो ने लडकी को प्रताडित किया या फिर इससे जुडी हुयी खबरें आती रहती है। हालही भारत देश के बिहार राज्य ने भी दहेज प्रथा को रोकने के लिए बिहार मे दहेज-प्रथा कानुन बनाया है, जो कि बिहार जैसे राज्य के लिए और बिहार कि जनता के लिए सबसे जरुरी है। दहेज मांगना भी बहुत बडी बात है क्योकि हर किसी के वश मे नही होता है खुद कि बेइज्जती खुद से ही करना, दहेज मे इंसान पैसो तक ही रुक जाये तो कोई बात ही नही है लेकिन लोगो को मोटरसाइकिल भी चाहिए, टि.वि, फ्रिज और लकडी बने हर सामान जैसे पलंग बगैरह सब चाहिए होता है। बढते समय के साथ लोगो कि मांग भी बढ गयी है क्योकि लोगो कि जरुरतें भी बढ गयी है।