कभी-कभी हम हद से ज्यादा काम करने बाद सांस का फुलना या हाफना आम बात है लेकिन जब ये सांस का फुलना या हाफना आदत शुमार हो जाता है तो इंसान अस्थमा रोग का रोगी हो जाता है और इस रोग के साथ-साथ इंसान खांसी जैसी दिक्कतो से भी जुझता रहता है।
मेडिकल साइंस की भाषा मे एलर्जी को अस्थमा (Asthma) कहते है। भारत देश मे प्रदुषण अपने चरम सिमा को पार कर चुका, स्रोत से पता चला है कि दिल्ली जैसे शहर मे रहने वाले बिना ध्रुम-पान किये भी 7-8 सिगरेट का धुआं रोज अपने सांस के साछ लेते है ऐसे मे अस्थमा जैसे रोग के होने का खतरा और भी बढ जाता है। बढते समय और बढते जन संख्या के साथ प्रदुषण भी बढता ही जा रहा है और ये अपने साथ कई तरह के बीमारीयो को लेकर भी आ रहा है।
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अस्थमा के लक्षण
- जब भी किसी दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति खांसता है तो सूखी या ऐठनदार खांसी होती है।
- जब भी कभी दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति को खांसी होती है तो कफ सख्त तथा बदबूदार निकलता है।
- अस्थमा रोग से पीड़ित रोगी को सांस लेनें में बहुत दिक्कत होती है।
- वैसे तो इसका कोई समय नही लेकिन रात के समय में दमा रोगी को दौरे अधिक पड़ते हैं।
अस्थमा के कारण
- अगर कोई भी व्यक्ति काफी समय से औषधियों का अधिक प्रयोग कर रहा होगा तो कफ़ के सूख जाने से दमा हो जाता है।
- आज समय मे इंसान को मानसिक तनाव रहने से या फिर अधिक क्रोध के कारण भी दमा होने का एक कारण है।
- किसी इंसान के लिए नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करना भी इस रोग का कारण होता है।
- वैसे तो खांसी एक बडी समस्या है और जुकाम के भी अधिक समय तक रहने से भी दमा हो सकता है।
- हद से ज्यादा खाना भी मतलब भूख से अधिक भोजन खाने से भी दमा दिक्कते हो सकती है।
- हमारी की श्वास नलिका में धूल तथा ठंड लग जाना भी एक कारण है जिससे हमे दमा हो सकता है।
- कहते है कि मल-मूत्र के वेग को रोकने इंसान मे सहनशक्ति को बढाती है लेकिन जब ये आदत बन जाये तो मतलब बार-बार रोकने लगे तो दमा रोग हो सकता है।
- वैसे ये कोई नयी चीज नही होगी कि आपमे दमा जैसी दिक्कत आपको अपने परीवार से मिला हो।
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अस्थमा का उपचार
- दमा से पीडित रोगी को हमेशा गर्म बिस्तर पर सोना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को धूम्रपान, शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को कभी भी भोजन में हद से ज्यादा मिर्च-मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को धूल तथा धुंए भरे वातावरण दूर ही रहना चाहिए क्योकि सांस लेने मे दिक्कत होती है।
- दमा से पीडित रोगी को मानसिक परेशानी, तनाव, क्रोध तथा लड़ाई-झगडों से बचना चाहिए क्योकि हद से ज्यादा गुस्सा और हद से ज्यादा बोलना भी दमा रोगीयो के लिए खराब है।
अस्थमा के घरेलू नुस्खे
लहसुन-
लहसुन का सेवन दमा रोगी के इलाज में काफी बेहतर माना गया है। दूध में लहसुन की कलियां को मिलाकर उबालें और फिर इसका रोजाना सोवन करने से दमा जैसी दिक्कतो से राहत देती है।
लौंग-
दमा से पीडित रोगी के लिए लौंग भी इलाज के तौर पर बेहतर माना गया है। लौंग को पानी मे उबाल लें और फिर छानकर उसमे 1 चम्मच शहद मिला लें और रोजाना 2-3 बार इसका सेवन करें।
मैथी के पत्ते-
दमा से पीडित रोगी के लिए मैथी भी फायदेमंद होता है। आप मैथी को पानी मे उबाल लें और मैथी का काढा बना लें। काढा को रोजाना 2 बार(सुबह शाम) इसका सेवन करें, ये अस्थमा रोग के लिए काफी फायदेमंद होता है।
अदरक-
अदरक भी अस्थमा जैसे रोग के लिए फायदेमंद है, बारीक कटा हुआ अदरक गर्म पानी मे डालकर उबाल लें और फिर पानी के ठंडा होने के बाद पानी को छान लें और इसमे सहद मिलाकर पीयें। ऐसा आप रोजाना 3 बार कर सकते है, अदरक एक आयुर्वेदिक दवा है और इसमे एंटीइफ्लेमैटरी जैसे गुण होते है। जो सांस के नली का स्वस्थ रखता है और दिक्कतो से बचाता है।
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अजवाइन-
अजवाइन भी अस्थमा जैसे रोग के लिए फायदेमंद है, एक चम्मच अजवाइन, गुड, तुलसी के पत्ते, अदरक पाउडर, लौंग, कालि मिर्च, हल्दी और पानी को सबको मिलाकर एक बर्त्तन मे डालकर गर्म होने दें और अच्छे से उबाल लें। इसके बाद जब ये ठंडा हो जाये तो इस काढा को पियें, अस्थमा जैसे बीमारी के लिए अजवाइन जैसे चिज भी कारगर साबित होती है।
हल्दी-
हल्दी भी अस्थमा जैसे रोग के लिए फायदेमंद है ये सिर्फ अस्थमा के लिए नही हल्दी मे हमे और भी दिक्कतो से छुटाकारा दिलाता है। हल्दी को पानी मे मिलाकर सेवन करने से अस्थमा ठिक हो सकती है और रोजाना 10-14 दिन तक 3 बार सेवन करने से ठीक हो सकती है। हल्दी मे करक्युमिन नामक तत्व पाया जाता है जो आपको अस्थमा जैसे दिक्कत से छुटकारा दिला सकती है, इसके अलावा हल्दी मे एंटीइप्लेमैटरी जैसे गुण भी होते है जो वायुमार्ग मे सुजन जैसी दिक्कतों को कम कर सकती है।
कॉफी-
आप हम और भी की लोग आज के समय मे कॉफी का इस्तेमाल तो करते ही होगें, चाय के बाद अगर किसी ने सबसे ज्यादा लोगो को जगाया है तो वो है कॉफी। कॉफी का इस्तेमाल करना अस्थमा जैसे रोग के लिए बेहतर इलाज है, कॉफी मे मौजुद कैफिन वायुमार्ग को खोलने मे मदद करती है और अस्थमा जैसी दिक्कत से वायुमार्ग प्रभावित होता है। आज इसका रोजाना इस्तेमाल कर सकते है, कॉफी आपको उर्जावान बनाये रहती है ताकी आप थके ना।
प्याज-
प्याज भी अस्थमा जैसे रोग के लिए फायदेमंद है ये सिर्फ अस्थमा के लिए नही प्याज मे हमे और भी दिक्कतो से छुटाकारा दिलाता है। आप इसका सेवन अपने खान के साथ सलाद के तौर पर कर सकते है और क्योकि इसमे अस्थमा जैसे दिक्कतों को कम करने कि क्षमता है तो आपको जरुर खाना चाहिए। प्याज मे भी एंटीइंफ्लेमैटरी जैसे गुण होते है, जो हमारे वायुमार्ग को स्वस्थ रखता है।
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