अस्थमा: कभी-कभी हद से ज्यादा काम करने बाद हमारा सांस का फुलना या हाफना आम बात है लेकिन जब ये सांस का फुलना या हाफना आदत शुमार हो जाता है तो इंसान अस्थमा रोग का रोगी हो जाता है और इस रोग के साथ-साथ इंसान खांसी जैसी दिक्कतो से भी जुझता रहता है। मेडिकल साइंस की भाषा मे दमा को अस्थमा (Asthma) कहते है।
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अस्थमा (Asthma) के लक्षण
- जब भी किसी दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति खांसता है तो सूखी या ऐठनदार खांसी होती है।
- जब भी कभी दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति को खांसी होती है तो कफ सख्त तथा बदबूदार निकलता है।
- अस्थमा रोग से पीड़ित रोगी को सांस लेनें में बहुत दिक्कत होती है।
- वैसे तो इसका कोई समय नही लेकिन रात को सोेते समय में दमा रोगी को दौरे अधिक पड़ते हैं।
अस्थमा के कारण
- अगर कोई भी व्यक्ति काफी समय से औषधियों का अधिक प्रयोग कर रहा होगा तो उसके कफ़ के सूख जाने से दमा जैसी दिक्कत हो सकती है।
- आज समय मे इंसान को मानसिक तनाव रहने से या फिर अधिक क्रोध के कारण भी दमा होने का एक कारण है।
- किसी इंसान के लिए नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करना भी इस रोग का कारण होता है।
- वैसे तो खांसी एक बडी समस्या है और जुकाम के भी अधिक समय तक रहने से भी दमा जैसी दिक्कत हो सकती है।
- हद से ज्यादा खाना भी मतलब भूख से अधिक भोजन खाने से भी दमा दिक्कते हो सकती है।
- हमारी की श्वास नलिका में धूल तथा ठंड लग जाना भी एक कारण है जिससे हमे दमा हो सकता है।
- कहते है कि मल-मूत्र के वेग को रोकने इंसान मे सहनशक्ति को बढाती है लेकिन जब ये आदत बन जाये तो मतलब बार-बार रोकने लगे तो दमा रोग हो सकता है।
- वैसे ये कोई नयी चीज नही होगी कि आपमे दमा जैसी दिक्कत आपको अपने परीवार से मिला हो।
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अस्थमा का उपचार
- दमा से पीडित रोगी को हमेशा गर्म बिस्तर पर ही सोना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को धूम्रपान, शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को कभी भी भोजन में हद से ज्यादा मिर्च-मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दमा से पीडित रोगी को धूल तथा धुंए भरे वातावरण दूर ही रहना चाहिए क्योकि सांस लेने मे दिक्कत होती है।
- दमा से पीडित रोगी को मानसिक परेशानी, तनाव, क्रोध तथा लड़ाई-झगडों से बचना चाहिए क्योकि हद से ज्यादा गुस्सा और हद से ज्यादा बोलना भी दमा रोगीयो के लिए खराब है।
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अस्थमा के घरेलू नुस्खे
- लहसुन का सेवन दमा रोगी के इलाज में काफी बेहतर माना गया है। दूध में लहसुन की कलियां को मिलाकर उबालें और फिर इसका रोजाना सोवन करने से दमा जैसी दिक्कतो से राहत देती है।
- दमा से पीडित रोगी के लिए लौंग भी इलाज के तौर पर बेहतर माना गया है। लौंग को पानी मे उबाल लें और फिर छानकर उसमे 1 चम्मच शहद मिला लें और रोजाना 2-3 बार इसका सेवन करें।
- दमा से पीडित रोगी के लिए मैथी भी फायदेमंद होता है। आप मैथी को पानी मे उबाल लें और मैथी का काढा बना लें। काढा को रोजाना 2 बार(सुबह शाम) इसका सेवन करें, ये अस्थमा रोग के लिए काफी फायदेमंद होता है।